Creation is only the projection into form of that which already exists.The mind is restless and difficult to restrain, but it is subdued by practice.
Man is made by his belief. As he believes, so he is. Fear not what is not real, never was and never will be. What is real, always was and cannot be destroyed.
प्रियजनों आज मैं आपको भगवान श्री कृष्ण के अनमोल वचनों के बारे मे बताने जा रहा हूँ| यदि आप इन अनमोल वचनों को अपनी जिंदगी मे उतारे तो आप की सोच बदल सकती है और अपनी ज़िन्दगी को बेहतर बना सकते है| भगवान श्री कृष्ण के बारे मे हम सब ने सुना है और कई बार पढ़ा है की भगवान श्री कृष्ण को 108 नामो से जाना जाता है|
"शांति से भी दुखों का अंत हो जाता है और शांत चित्त मनुष्य की बुद्धि शीघ्र ही स्थिर होकर परमात्मा से युक्त हो जाती है।"
"क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ में डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा ना पैदा होती है, न मरती है।"
"हर काम का फल मिलता है-' इस जीवन में ना कुछ खोता है ना व्यर्थ होता है।"
“Silence is the language of Om. We need silence to be able to reach our Self."
we are in a better position to understand this truth. Clearly, our time of life on earth is extremely short..
“Om represents the infinite energy of divinity and depicts how we can all live in a world of harmony.”
जय श्री कृष्ण
Neither in this world nor elsewhere is there any happiness in store for him who always doubts.
"सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और."
अनंत शिव
दुनिया का हर काम प्रकृति के नियमों और तरीकों से ही होता है, लेकिन अहंकार से ग्रसित लोग ऐसा मानते हैं कि सबकुछ वही कर रहे हैं।
In all aspects of temple life – spiritual, educational and social – these values are our common bond and support our common effort.In all our relationships we treat each other in a way that preserves individual dignity and welcomes.
भारत के दक्षिण-पूर्वी छोर पर हिन्दुओं का एक पवित्र तीर्थक्षेत्र है धनुषकोडी ! यह स्थान पवित्र रामसेतु का उगमस्थान है । गत ५० वषों से हिन्दुओं केे इस पवित्र तीर्थस्थान की स्थिति एक उद्ध्वस्त नगर के समान हो गई है । २२ दिसंबर १९६४ को यह नगर एक चक्रवात में उद्ध्वस्त हुआ था ।.
Learn MoreUpcoming Event
Meet this transient world with neither grasping nor fear,trust the unfolding of life,and you will attain true serenity.
Temple and religious places
Many of us wonder why we do not remember who we were before we were born. We wonder what it was like to be a soul without a body and what it will be like to be one again.